बुधवार (14 अगस्त) को केंद्र सरकार ने 1 हजार 37 पुलिस कर्मियों के लिए सेवा पदक का ऐलान किया, इसमें केंद्र और राज्य सरकार के पुलिस के जवान शामिल हैं.  इसमें से महाराष्ट्र पुलिस के जवानों के लिए 59 पदकों का ऐलान किया गया है. इसके प्रदेश के 17 जवानों को वीरता के लिए, 3 को 'विशिष्ट सेवा' और 39 को 'सराहनीय सेवा' के तहत सम्मानित किया जाएगा.

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों के साथ लोहा लेते हुए साल 2020 में पुलिस सब इंस्पेक्टर धनाजी होनमाने शहीद हो गए थे. अब सरकार ने शहीद धनाजी होनमाने को 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पदक के लिए चुना गया है. उनके साथ प्रदेश के 17 और पुलिस कर्मियों को इस सम्मान से नवाजा जाएगा. बता दें, शहीद पुलिस सब इंस्पेक्टर धनाजी होनमाने, भामरागढ़ में क्विक रिस्पांस टीम (QRT) के प्रभारी रुप में तैनात थे. मई 2020 में नक्सलियों के साथ लोहा लेते हुए गढ़चिरौली में सी 60 के कमांडो किशोर अत्राम के शहीद हो गए थे. केंद्र सरकार अब इन जवानों को मरणोपरांत वीरता पदक सम्मानित करेगी.

इसके अलावा गढ़चिरौली के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुणाल तारे, उपविभागीय पुलिस अधिकारी कुणाल सोनवणे, पीएसआई दीपक औटे, राहुल देवहाड़े, विजय सकपाल, पुलिस कांस्टेबल नागेशकुमार माधरबोइना, शकील शेख, विश्वनाथ पेदाम, विवेक नरोटे, मोरेश्वर पोटावी, कैलाश कुलमेथे, कोटला कोरामी, कोरके वेलाडी , महादेव वानखेड़े, महेश मिच्छा, समैया आसम को भी सम्मानित किया जाएगा. इन अधिकारियों को गढ़चिरौली में नक्सलियों के खिलाफ चलाए तीन ऑपरेशन में उनके पराक्रम और शौर्य के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा.

सरकार ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर महाराष्ट्र पु्लिस के एडीजीपी चिरंजीव प्रसाद, एसीपी सतीश गोवेकर और राजेंद्र दहाले पुलिस में 'विशिष्ट सेवा' के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश के 39 पुलिस अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पदक दिया जाएगा. असिस्टेंट पुलिस सब इंस्पेक्टर द्वारकादास भांगे को भी उनकी सराहनीय सेवा के लिए सम्मानित किया जाएगा. वह वर्तमान में छत्रपति संभाजीनगर में तैनात है. द्वारकादास भांगे बीते कई सालों से अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज मामलों में अपने सुझाव के जरिये दोषसिद्धि दर में सुधार लाने के लिए काम कर रहे हैं.  

एएसआई  द्वारकादास भांगे ने मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री के दौरान 200 से अधिक कोर्ट केस पर स्टडी की है. उन्होंने इस पर थीसिस भी लिखी है, जिसे महाराष्ट्र पुलिस में जिला स्तर के अधिकारियों को ट्रायल कोर्ट के फैसलों को स्टडी करने के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनमें से एक है कि किसी अपराध के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए स्पेशल कैडर के गठन करना.