कांग्रेस ने अपने पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद की ओर से किए गए हमला पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि आजाद को उसे बदनाम करने का काम सौंपा गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि आजाद हर मिनट अपने 'विश्वासघात' को सही क्यों ठहरा रहे हैं? रमेश ने ट्वीट किया, आजाद वर्षों तक जिस पार्टी में रहे, जहां उन्हें सब कुछ मिला, उन्हें उसी पार्टी को बदनाम करने का काम सौंपा गया है। यह उनके स्तर को और गिरा रहा है।

आजाद ने सोमवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी की नींव कमजोर हो गई है और वह कभी भी बिखर सकती है। उन्होंने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि 'बीमार' कांग्रेस 'कंपाउंडर' से दवा ले रही है, चिकित्सक से नहीं। आजाद ने कहा, कांग्रेस नेतृत्व के पास चीजें सही करने का समय नहीं है, राज्यों में उसके नेता पार्टी के सदस्यों को एकजुट रखने के बजाय उन्हें जाने दे रहे हैं। 'मोदी-मय' होने के आरोप को लेकर आजाद ने राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, "जो लोग संसद में भाषण देकर उनसे गले मिलते हैं, वो मिले हैं या नहीं ?

जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, पहले वह अपने डीएनए की जांच कराएं। वह तो पहले फ्रीलांसर थे। वह बताएं कि पहले किस सरकार के कर्मचारी थे। वह हमारी पार्टी में नहीं थे। पहले वह अपनी जांच कराएं कि उनका डीएनए किस पार्टी का है।आजाद ने कहा, सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि जो बाहरी हैं, जो चापलूसी करते हैं, उन्हें पद मिले हैं। कांग्रेस को बीमार करार देते हुए उन्होंने कहा, मैं तो दुआ ही कर सकता हूं। मेरी दुआ से तो कांग्रेस ठीक नहीं हो सकती। उसके लिए दवा चाहिए। उसके लिए जो डॉक्टर हैं वह असल में डॉक्टर नहीं बल्कि कम्पाउडर हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, जब चुनाव होता है, उसके लिए सदस्यता अभियान होता है। यह पुराने समय से चला आ रहा है। अब क्या हो रहा है कि वोटर लिस्ट से लोगों के नाम लिए जाते हैं और उनके पैसे भर दिए जाते हैं। यह नकली सदस्यता अभियान है। उन्होंने कहा, अगर कागज की इमारत बनाओगे तो वह हवा से गिर जाएगी या आग से जल जाएगी। ऐसे चुनाव करने से क्या फायदा होगा। यह सब फर्जी है।