उमरंगसो। असम के पास दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में फंसे आठ श्रमिकों को बचाने की कवायद तेज कर दी गई है। राज्य और केंद्र की कई एजेंसियों ने गुरुवार को चौथे दिन भी श्रमिकों को खोजने के लिए बचाव अभियान शुरू किया। रात भर खदान से पानी निकाला गया।

अन्य एजेंसियों ने बचाव अभियान शुरू किया
इसके बाद सुबह से सेना और अन्य एजेंसियों ने बचाव अभियान शुरू किया। इसके साथ ही रिमोट से चलने वाले वाहन (आरओवी) को खदान के अंदर भेजा गया। इसके साथ ही पानी को तेजी से निकालने के लिए कोल इंडिया ने महाराष्ट्र से उच्च क्षमता का पंप मंगाया है। असम के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने कहा कि सेना और नौसेना की टीमें फंसे हुए खनिकों को बचाने के लिए काम कर रही हैं।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नौसेना और पुलिस की टीम श्रमिकों को तलाश रही
दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो के तीन किलो क्षेत्र में कोयला खदान में सोमवार को 300 फीट गहरी खदान में अचानक पानी भर गया था। इस खदान में नौ श्रमिक फंस गए थे। इसके बाद भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने त्वरित और प्रभावी तरीके से बचाव अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद से लगातार सेना, असम राइफल्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नौसेना और पुलिस की टीम श्रमिकों को तलाश रही है।

85 फुट नीचे से एक श्रमिक का शव बरामद किया
बुधवार को खदान में 85 फुट नीचे से एक श्रमिक का शव बरामद किया था। जिसकी पहचान नेपाल के उदयपुर जिले के गंगा बहादुर श्रेष्ठो के रूप में हुई। अन्य आठ श्रमिकों की तलाश के लिए गुरुवार सुबह भी एजेंसियों ने अभियान शुरू किया। असम पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि खदान के अंदर भेजे गए आरओवी को कुछ भी पता नहीं चला है। बेहद मुश्किल भरी स्थिति के बीच यह फंसे हुए श्रमिकों की तलाश कर रहा है। खदान के अंदर का पानी पूरी तरह से काला हो गया है और कुछ भी ढूंढने में दिक्कत हो रही है।

विपक्ष ने असम सरकार की आलोचना की
इस घटना को लेकर विपक्ष ने असम सरकार की आलोचना की और कहा कि यह घटना प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण हुई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए न्यायिक जांच की मांग की। कांग्रेस ने शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देने की घोषणा की है।