मुंबई : रविवार को सकल हिन्दू समाज द्वारा राष्ट्रविरोधी मानसिकता के खिलाफ सम्पूर्ण भारत में व्यापक जागरण यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा की वर्तमान समय में धार्मिक एवं हिन्दू विरोधी घटनाओं के बढ़ते ग्राफ के चलते हिन्दू समाज में रोष बढ़ा हैं। दूध दही की बहती नदियाँ, धान्य से भरपूर, भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। भारत की जनता देश को लूटने आए आक्रमणकारियों के अथक अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करती रही।  देश में कभी किसी पूजा पद्धति का विरोध नहीं किया गया।  

परन्तु पिछले कुछ महीनों में यह देखा गया है कि कुछ जिहादी मानसिकता से ग्रस्त देश विरोधी गतिविधियों में प्रमुखता से हिस्सा ले रहे हैं। हिंदू त्योहारों का विरोध, हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़, मूर्तियों की अपवित्रता, हिंदू त्योहारों पर पथराव, हिंदू संपत्ति का विनाश, अजमेर दरगाह में चिश्ती द्वारा देवी-देवताओं का अपमान, और कई लाइव टीवी बहसें जिनमें मौलवियो ने अपनी अश्लीलता ओर भोंडापन का प्रदर्शन बार-बार किया है। ऐसे में आज देश के कई हिस्सों में जिहादों का बढ़ता प्रकोप देखा जा रहा है । इस जिहाद के जरिए देश का माहौल बिगाड़ने के लिए देश के कोने-कोने में कोहराम मचाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए बड़ी संख्या में युवाओं को जिहाद प्रशिक्षण के लिए चुना जा रहा है, जो देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक है। इन लोगों की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कुछ धार्मिक प्रतिष्ठानों द्वारा आर्थिक और सामाजिक सहयोग किया जाता है। बिहार के फुलवारी मॉडल से यह बात साबित हो चुकी है।

• यह किस तरह का शांतिप्रिय समाज है जो महिलाओं को रेप करने की धमकी देता है?  

• जुमे की नमाज के बाद हिंदुओं को खुलेआम जान से मारने की धमकी दी जा रही है।  

• अकेले हिन्दुओं को पकड़कर धोखे से उन पर हमला करते हुए तालिबान आतंकवादियों जैसे वीडियो बनाना, "सर तन से जुदा"  जैसे इस्लामिक नारे लगाना।

इस प्रकार की गतिविधि कई बार सीसीटीवी में साफ दिखने के बावजूद प्रशासन इसप्रकार के मामलों में सिर्फ अज्ञात लोगों के खिलाफ ही केस दर्ज कर रहा हैं। 

हमारे प्रत्येक हिंदू देवी-देवताओं के हाथों में प्रतीक के तौर पर हथियार होते हैं। दुनिया में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन कौशल सिखाने के लिए हिन्दू शास्त्रों का अध्ययन किया जाता है। साथ ही हमारे सभी महापुरुषों ने हिंदू समाज को धर्म की रक्षा के लिए हमेशा लड़ना ही सिखाया है। परन्तु हिंदू समाज ने कभी भी किसी के दमन के लिए कोई ऎसी पहल नहीं कि हैं। आजादी से पहले की अवधि हो या आजादी के बाद की अवधि सीधी कार्रवाई, वांग भंग आंदोलन या मोपला आंदोलन के समय हर बार हिंदुओं ने इसका पुरजोर विरोध किया, हमलावरों को अपने जीवन के लिए भीख मांगनी पड़ी थी। 

आगे उन्होंने ने कहा कि यह देश किसी शरिया कानून से नहीं, बल्कि संवैधानिक कानून से चलता हैं। साथ ही, भारत की अखंडता और एकता को ठेस पहुंचाने वाले जिहादी हमले या राष्ट्र विरोधी घटना को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो हम पूरी ताकत से जवाब देंगे। यह पूरे हिंदू समुदाय की देशद्रोहियों को खुली चुनौती हैं। 

सकल हिंदू समाज मोर्चा के माध्यम से बुरहान वानी, याकूब मेनन, अफजल गुरु एवं अजमल कसाब के नाम पर नतमस्तक होने वाली हर राष्ट्रविरोधी ताकतों तथा जिहादी विचारधारा वाली जमात का विरोध करेगा। इस देश में कोई शरिया नहीं, बल्कि संविधान के कानून होंगे।  साथ ही, भारत की अखंडता और एकता को ठेस पहुंचाने वाले जिहादी हमले और राष्ट्र विरोधी किसी भी  घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो इसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा।

प्रतिनिधि महाराष्ट्र ....