मुम्बई : आगामी दिंडोशी विधानसभा में सुनील प्रभु, संजय निरुपम और गौरीशंकर चौबे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। 
शिवसेना उद्धव गुट की तरफ से  पूर्व विधायक सुनील प्रभु इस बार भी मैदान में आ सकते है। लगातार 2 बार विधायक रहे सुनील प्रभु की राह काफी कठिन होती नजर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना शिंदे गुट से  पूर्व सांसद संजय निरुपम का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस पार्टी से टिकट न मिलने के कारण वह शिंदे गुट में शामिल हो गए थे और तभी से वे विधानसभा की तैयारी में लगे है। सूत्रों की माने तो दिंडोशी विधानसभा में भाजपा नेता व पूर्व विधायक राजहंस सिंह को विरोध का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि स्थानीय लोग द्वारिकामाई संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरीशंकर चौबे को भाजपा से टिकट देने की मांग और समर्थन कर रहे है। गौरीशंकर चौबे पिछले 18 वर्षों से सेवा कार्यों में जुटे है। वह समाज के सभी वर्गों की और खासकर गरीब, विधवा, विकलांग आदि हर जरूरतमंद की हर संभव मदद करते रहते हैं। उनके आने से लड़ाई काफी दिलचस्प और त्रिकोणीय होने की संभावना है।
बता दे कि उनकी द्वारिकामाई संस्था में 22 हजार से अधिक सदस्य जुड़े हुए है। यह सभी आगामी विधानसभा में गौरीशंकर चौबे के समर्थन में चुनाव प्रचार में उतरेंगे। 
लोगों का कहना है कि यदि भाजपा गौरीशंकर चौबे को अपना प्रत्याशी बनाती है तो वह रिकॉर्ड मतों से विजयी होंगे और यदि उन्हें टिकट नहीं मिलता है तब भी वह स्वतंत्र रूप से चुनाव में खड़े होकर विजयश्री प्राप्त कर सकते हैं।